जानिए विवाह के समय गठबंधन क्यों किया जाता है ?
पाणिग्रहण के बाद वर के कंधे पर डाले गुलाबी
दुपट्टे से वधू की साड़ी के एक कोने की गांठ बांध दी जाती है , इसे
' गठबंधन '
कहा जाता है ।
इसका अर्थ है कि दोनों के शरीर और मन का एक
होना । अब दोनों एक - दूसरे के साथ पूरी तरह से बंधे हुए हैं और उनसे यह आशा की
जाती है कि वे जिन लक्ष्यों के साथ आपस में बंधे हैं , उन्हें
आजीवन प्राप्त करते रहेंगे । जीवन लक्ष्य की यात्रा में वे एक - दूसरे के पूरक
बनकर चलेंगे । इसीलिए गठबंधन को अटूट माना गया है ।
गठबंधन के समय वधू के पल्ले और वर के दुपट्टे
के बीच सिक्का
( पैसा ) , पुष्प , हल्दी , दूर्वा
और अक्षत भी बांधते हैं , जिनका अपना - अपना महत्व है ।
विवाह
पद्धति के अनुसार यह महत्व इस प्रकार है—
सिक्का ( पैसा ) - धन पर किसी एक का पूर्ण अधिकार नहीं होगा ।
पुष्प - अर्थात्
सदैव हँसते - खिलाते रहें । एक दूसरे को देखकर प्रसन्न हों । एक - दूसरे की
प्रशंसा करें ।
हल्दी - आरोग्य और
गुरु का प्रतीक है । एक - दूसरे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुविकसित रखने
के लिए प्रयत्नशील रहें । मन में कभी लघुता न आने दें ।
दूर्वा - कभी प्रेम
भावना न मुरझाने का सूचक है ।
अक्षत - यह
अन्नपूर्णा का प्रतीक है । जो अन्न कमाएं , उसे मिल - जुलकर
खाएं । परिवार व समाज के प्रति सेवा एवं उत्तरदायित्व का भी ध्यान में रखें ।
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