शीघ्र रोग मुक्ति के ७ अचूक उपाए
जय भवानी मित्रों ,
मैं जितेन्द्र सकलानी एक बार पुन: प्रस्तुत हुआ हूँ आप लोगो के समक्ष अपने नए ब्लॉग के साथ अपने धर्मग्रंथो पर आधारित कुछ बताये गए वाक्य, अथवा नियमो के विषय में कुछ जानकरी लेकर....
प्रिय पाठकों....... स्वास्थ्य ईश्वर की अतुलनीय
अनुकंपा है। हम सभी चाहते हैं कि हमारा जीवन निरोगी बना रहे और इसके लिए सभी अपने स्तर पर निरंतर प्रयास
भी करते हैं वैसे भी बड़े बुजुर्गों का कहना है पहला सुख निरोगी काया अर्थात शरीर
के स्वस्थ्य होने पर ही प्रथम सुख की अनुभूति होती है। शारीरिक सुख से बड़ा दुनिया
में कोई सुख नहीं है। क्यूँ की यदि शरीर ही उत्तम नहीं होगा तो व्यक्ति अन्य सुखों
का अनुभव कैसे कर सकता है ? ऐसे ही एक अन्य कहावत भी है कि जैसा खाओगे अन्न, वैसा रहेगा मन और जैसा
रहेगा मन, वैसा
रहेगा तन। अतः स्वस्थ्य शरीर के लिए पौष्टिक भोजन आवश्यक है। परन्तु इन सब के
बावजूद भी व्यक्ति
कई बार ऐसे रोग से ग्रसित हो जाता है जो चिकित्सकीय परामर्श लेने पर भी ठीक नहीं
हो पता है तो ऐसी स्तिथि में उस रोगी के साथ-साथ
उस घर के सभी व्यक्ति मानसिक रूप से अशांति का अनुभव करने लगते हैं क्यूँ की
व्यक्ति यदि रोग से पीड़ित है तो तमाम सुख सम्पदा होने के
बावजूद भी जीवन नरक के सामान हो जाता है ! परन्तु भारतीय
ज्योतिष शास्त्र में ऐसे अनेकों उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से आसध्य रोग भी शीघ्र
ठीक हो सकता है। बस इन्हें सच्चे मन और विश्वास के साथ करना होगा।
तो यह जानने के लिए की किन उपायों की सहायता से हम इन रोगों को दूर कर सकते हैं इस ब्लॉग को अन्त तक अवश्य पढ़िएगा .........
(१)
लम्बे समय से रोग
से ग्रस्त लोगों को हर माह कम से कम एक बार अपने सामर्थ्यानुसार किसी अस्पताल में
जाकर दवा और फलों का वितरण करना चाहिए, इससे रोगी और उसके पारिवारिक सदस्य
निरोग रहेंगे |
(२)
यदि घर के छोटे
बच्चे अधिक बीमार रहते हों, तो मोर पंख को पूरा जलाकर उसकी राख बना लें और उस राख से बच्चे को
नियमित रूप से तिलक लगाएं तथा थोड़ी-सी राख चटा दें।
(३)
कोई रोग यदि ठीक नहीं
हो रहा तो आप गोमती चक्र को लेकर एक चांदी की तार में पिरो दें और उसे अपने सोने वाले
बेड पर बांध दें। ऐसा करने से रोग दूर हो जाएगा।
(४)
कोई भी रोग हो
शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को दवाईया
शिवलिंग पर रखकर एक माला जाप महामृत्युंज्य के मन्त्र से रुद्राक्ष की माला से करें उसके बाद
दवाइयों का सेवन आरम्भ करें ऐसा करने पर दवाइयों का प्रभाव शीघ्र दिखने लगेगा तथा स्वास्थ्य
जल्दी सुधरने लगेगा ।
(५)
अपने वजन के बराबर
सात अनाज पिसवाएं उस पर गुड़ की एक डली रख दें । यह अनाज गौशाला में जाकर रोगी स्वयं
गाय को खिलाएं ऐसा यदि थोड़े थोड़े समय बाद किया जाए तो आप देखेगे की रोगी ठीक होने
लगेगा यदी रोग ज्यादा तीव्र हो तो हर माह ऐसा करें !
(६)
बीमार व्यक्ति
का रोग ठीक न हो रहा हो तो उसके तकिए के नीचे सहदेई अैर पीपल की जड़ रखें। इससे
बीमारी शीघ्र ठीक हो जाएगी।
(७)
पीपल के वृक्ष
की पूजा करने से सभी रोगों से छुटकारा मिलती है। रविवार के अलावा अन्य सभी दिन सुबह स्नानादि कार्यों से निवृत होकर नियमित रूप से
पीपल के वृक्ष पर मीठा जल अर्पित करें और उसकी जड़
को छूकर अपने सिर से लगाएं। पुरुष पीपल की 7 परिक्रमा करें परन्तु महिलाएं परिक्रमा
न करें। इसके बाद रोग को दूर करने की प्रार्थना करें, शीघ्र लाभ
होगा।
तो यह थे रोग मुक्ति के सात अचूक उपाए
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