शीघ्र संतान प्राप्ति के ७ अचूक उपाए

 

जय भवानी मित्रों ,
                        मैं जितेन्द्र सकलानी एक बार पुन: प्रस्तुत हुआ हूँ आप लोगो के समक्ष अपने नए ब्लॉग के साथ अपने धर्मग्रंथो पर आधारित कुछ बताये गए  वाक्य, अथवा नियमो के विषय में कुछ जानकरी लेकर.... 

 


                      प्रिय पाठकों....... किसी भी दंपति के लिए संतान प्राप्ति उसके वैवाहिक जीवन की नींव होती है । विवाह पश्चात जीवन के अगले पड़ाव का द्वार उनकी अपनी औलाद होती है जो केवल उनके प्रेम का ही प्रतीक नहीं, अपितु आगामी सभी खुशियों का मूर्त रूप होती है । वहीं अगर किसी कारणवश दंपत्ति इस खुशी से वंचित रह जाते हैं तो उनके सभी दुखों का कारण किसी पुत्र या पुत्री का ना होना बन जाता है । इतना ही नहीं आये दिन पति - पत्नी के बीच में क्लेश भी उत्पन्न होने लग जाते हैं । कई बार कुंडली में उपस्थित दोष , वास्तु के दोष और अनेक कारणों से संतानोत्पत्ति में बाधाएं आती हैं। तब उन कारणों का निवारण बहुत जरूरी हो जाता है, क्योंकि एक समय के बाद संतान न होने पर सामाजिक तथा मानसिक दोनों ही रूपों से दंपत्ति को समस्याओं का सामना करना ही पड़ता है । परन्तु भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ऐसे अनेक उपाय बताए गए हैं। जिनका यदि व्यक्ति श्रद्धा के साथ पालन करें तो संतान प्राप्ति के योग यथाशीघ्र बनते हैं । तो यदि आ रही हैं आपके जीवन में भी संतानोत्पत्ति में बाधाएं या आपके परिवार में हैं कोई ऐसे सदस्य जिन्हें विवाह के कई वर्षों बाद भी संतान  की प्राप्ति नहीं हो पायी हो

तो आज का यह ब्लॉग आपके लिए बड़ा ही लाभप्रद सिद्ध हो सकता है क्यूंकि आज 

हम जानेंगे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताये गए संतानोत्पत्ति में आ रही बाधाओं को दूर करने के कुछ ऐसे ज्योतिषीय उपाय जिन्हें एक बार तो अपने जीवन में आपको जरूर आजमाने चाहिए। क्यूँ की ......ये वो उपाय हैं जो आपकी समस्या को निश्चित रूप से दूर कर देंगे। बस इन्हें सच्चे मन और विश्वास के साथ करना होगा।

 


 तो आइये करते हैं इस श्रृंखला की शुरुवात हमारे साथ इन प्रभावकारी उपायों से...........

 


(१) एक अभिमंत्रित पीली कौड़ी कमर में बाँधकर रखें तथा नित्य सुबह उठकर उसे स्पर्श करे ऐसा करने पर गर्भ धारण से सम्बंधित समस्या दूर होगी तथा शीघ्र ही संतान की प्राप्ती भी होगी !!

(२) गुरूवार को गेंहू के आटे की छोट्टी-२ गोलियाँ बनाकर उसमें चने की दाल और थोड़ी हल्दी मिलायें तथा संतान प्राप्त करने की इच्छुक महिला इन गोलियों को अपने हाथों से गाय को खिलाएं ऐसा करने पर संतान प्राप्ति के शीघ्र योग बनते हैं !!  



(३)शुक्रवार आटे की लोई में पनीर मिलाकर गाय को खिलाये यह शुक्रवार से प्रारम्भ कर ४३ दिनों तक लगातार करें ऐसा करने पर संतान प्राप्ति में आ रही रुकावट दूर होगी !! 

 


(४) शीघ्र संतान की प्राप्ति के लिए आप संतान गोपाल यन्त्र की स्थापना सहित सवा लाख संतान गोपाल मंत्र
 
देवकी सुत गोविन्द वासुदेवं जगत्पते।
देहिं में तनयं कृष्णा त्वामह्म शरणंगत:।

 

का जाप कराये तथा हरिवंश पुराण का पाठ कराएं ऐसा करने पर कुंडली में उपस्थित संतान बाधा का कोई भी दुर्योग क्यूँ न हो वह निश्चित रूप से दूर हो जाता है !!

 


(५) रविवार के दिन कुम्हार के हाथों में लगी हुई थोड़ी सी मिट्टी की लेकर बकरी के दूध में मिला लें तथा फिर उसे गर्भवती स्त्री को पिलाएं ऐसा करने पर गर्भ से संबंधित किसी भी प्रकार की तंत्रकीय  दोष जैसे कोख बंधन या खिलाया पिलाया जैसा दोष शीघ्र ही  समाप्त हो जाएगा !!


(६) बरगद के पेड़ की जड़ को पूर्वाफाल्गुनी नामक नक्षत्र के दिन लाल धागे में बांधकर यदि कोई निःसन्तान स्त्री अपनी बाँई भुजा में धारण करें तो अवश्य ही उसे संतान सु:ख की प्राप्ती होगी !!

 


(७) यदि विवाह के दस या बारह वर्ष बाद भी संतान न हो, तो मदार की जड़ को शुक्रवार को उखाड़ लें। उसे कमर में बांधने से स्त्री अवश्य ही गर्भवती हो जाएगी। जब गर्भ धारण हो गया हो, तो चांदी की एक बांसुरी बनाकर राधा-कृष्ण के मंदिर में पति-पत्नी दोनों गुरुवार के दिन चढ़ायें तो गर्भपात का भय/खतरा नहीं होता। यदि बार-बार गर्भपात होता है, तो शुक्रवार के दिन एक गोमती चक्र लाल वस्त्र में सिलकर गर्भवती महिला के कमर पर बांध दें। गर्भपात नहीं होगा।



संतान प्राप्ति देव आराधना से होती है | कुंडली में उपस्थित अशुभ ग्रहों के प्रभाव से भी संतान बाधा हो सकती है ऐसा में जन्म कुंडली में  यदि बुध शुक्र बाधक हों , तो शिव भगवान का रुद्राभिषेक करना चाहिए । यदि चन्द्रमा बाधक हो तो भी रुद्राभिषेक करना चाहिये  यदि वृहस्पति सन्तान प्राप्ति में बाधक हो तो यंत्र मंत्र  और औषधियों का उपयोग करना चाहिए । शनि , मंगल सूर्य बाधक हो तो दुर्गा देवी की आराधना करनी चाहिए । और यदि राहु  - केतु बाधक है तो विधिपूर्वक कुलदेवता कि पुजा करनी चाहिए तथा नवग्रह शान्ति पाठ भी कराना चाहिए ।
 

तो यह थे संतान प्राप्ति के ७ सरल एवं अचूक उपाए


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

महाकालभैरवाष्टकम् अथवा तीक्ष्णदंष्ट्रकालभैरवाष्टकम् ॥

वानप्रस्थ आश्रम

मांगलिक विचार