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जानिए करवा चौथ पर क्यों करते हैं चंद्रमा का पूजन?

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मन का देवता होने के कारण चंद्रमा मन की चंचलता , स्थिरता और प्रसन्नता को नियन्त्रित करता है । मस्तक पर भौंहों के मध्य भाग को चन्द्रमा का स्थान कहा जाता है । चन्द्रमा की प्रसन्नार्थ यहां चन्दन , रोली आदि का टीका लगाया जाता है और स्त्रियां बिन्दी लगाती हैं । करवा चौथ को चन्द्रमा की कृपा प्राप्ति हेत पहले दिन में उपवास रखा जाता है और फिर रात्रि में जब चन्द्रमा उदय हो जाता है , तब अर्घ्य देकर विधिवत् उसका पूजन किया जाता है । इसके बाद ही सौभाग्यवती स्त्रियां अन्न - जल ग्रहण करती हैं । करवा चौथ के इस व्रत को मानने के पीछे धन - मान , सौभाग्य और पति की हर संकट से रक्षा मुख्य कारण माने जाते हैं । छांदोग्योपनिषद् के चौथे प्रपाठक के बारहवे खण्ड में कहा गया है कि चन्द्रमा म पुरुष रूप ब्रह्म का भाव रखकर जो इसकी उपासना करता है वह कष्ट रहित होता है । साथ ही दीर्घायु प्राप्त करता है । हठयोग व तंत्रशास्त्र में चन्द्रमा की काफी महिमा गाई गई है । शिव के शीश पर अर्द्ध - चन्द्र शोभित रहता है । अर्द्धचन्द्र को आशा का प्रतीक मानकर पूजा जाता है । ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार चन्द्रमा का विवाह दक्