व्यापार बाधाओं को दूर करने तथा व्यापार वृद्धि के ७ अचूक उपाए



    क्या आपके व्यापार में भी रुकावटे आ रही है ?

क्या अधिक प्रयासों के बावजूद भी आपका काम नही चल पा रहा ?
क्या कई तरह के आकर्षक प्रस्ताव देने के बाद भी ग्राहक नहीं आ रहे ? 
तो आज का यह ब्लॉग आपके लिए बड़ा ही लाभप्रद सिद्ध हो सकता है क्यूंकि आज मैं लेकर आया हूँ आपके के लिए ज्योतिष शास्त्र में बताये गए व्यापार में आ रही बाधाओं को दूर करने तथा व्यापार में वृद्धि करने के कुछ ऐसे ज्योतिषीय उपाय जिन्हें करने से आपकी सभी समस्यायें निश्चित से रूप दूर हो जाएँगी । बस इन्हें सच्चे मन और विश्वास के साथ करना होगा।

जय भवानी मित्रों,

                मैं जितेन्द्र सकलानी...स्वागत करता हूँ आप सभी का आपके अपने ब्लॉगिंग पेज पर दुर्गा भवानी ज्योतिष केंद्र के माध्यम से.......

                 प्रिय दर्शकों....... तो यह जानने के लिए की किन उपायों की सहायता से हम इन समस्याओं को दूर कर सकते हैं ब्लॉग को पूरा अवश्य पढ़िएगा .........

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 तो आइये करते हैं इस ब्लॉग की शुरुवात हमारे साथ इन प्रभावकारी उपायों से...........

   
(१) यदि अच्छा भला चलता हुआ व्यापार अचानक रूक जाए तो यह प्रायः राहु ग्रह के कारण होता है। ऐसे में एक जटायुक्त नारियल लेकर उसे लाल वस्त्र में लपेटें और अपनी दुकान  या व्यापार स्थल के ऐसे कोने में रख दें जहां किसी की नजर न पडे। इसे 43 दिनों तक इसी प्रकार रखा रहने दें और 43 दिन के बाद इसे किसी निर्जन स्थान में जाकर पानी में बहा दें। ध्यान रखें कि जिस स्थान पर आप इसे पानी में बहाएं वह ऐसा होना चाहिए  जहां आप पहले कभी नहीं गये हों।
 
(२) जब कभी शनि की साढेसाती या ढैया चल रही हो तो भी व्यापार में भयंकर मन्दी का सामना करना पडता है और इतना ही नहीं कभी कभी तो पैसे- पैसे के लिए मोहताज होना पडता है। ऐसे में आप जिस पलंग पर सोते हैं उसके चारों कोनों पर चार लोहे की कील लगा लें और 43 दिनों तक नित्य रात्री में सोते समय अपने सिरहाने एक लोहे के पात्र में पानी भरकर रख लें। प्रातः काल उठकर शनिदेव का मानसिक स्मरण करते हुए यह पानी किसी     पीपल के वृक्ष में डाल दें। तो आप देखेंगे की धीरे धीरे व्यापार में वृद्धि होने लगेगी !
 
(३)  यदि शत्रु या प्रतिस्पर्धी ने ईर्ष्यावश आपकी दुकान बंधवा दी है और ग्राहक दुकान में आकर भी खरीददारी नहीं करता है तो यह उपाय करें- शनिवार के दिन काले उडद के 21 साबुत दाने काले वस्त्र में बांधकर दुकान की चौखट पर लटका दें। इसे 7 दिनों तक इसी प्रकार लटका रहने दें और अगले शनिवार को पुराने दाने बाहर निकालकर पीपल के वृक्ष में समर्पित कर दें और नए दाने रखकर इसी प्रकार बांध दें। यह उपाय तीन शनिवार करना हैं। इससे आपकी बंधी हुई दुकान खुल जायेगी और किसी भी प्रकार का तंत्र मंत्र यदि किसी ने दुकान पर किया है तो वह दूर हो जायेगा।    
 
(४) शनिवार के दिन एक ऐसी दुकान पर जाएं जो बहुत अच्छी चलती हो। वहां से एक लोहे का नट या कोई कील दुकानदार से मांगकर लें यदि वह नहीं दे तो खरीद लें या चुपचाप उठा लें । इसके बाद उसे अपनी दुकान पर लाकर दूध से साफ करें और थोडा सरसों का तेल लगाकर 21 उडद के दानों के साथ एक कांच की शीशी में रख लें । ध्यान रखें की ऐसा करते समय कोई भी ग्राहक ना तो आपको देखे और ना ही आपको टोके। शीघ्र ही इससे आपका व्यापार भी चलने लगेगा। और हां, जिसकी दुकान से आप वह लोहे का नट या कील लेकर आये हैं उसकी दुकान पर भी इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।
 
(५) अगर आपके व्‍यवसाय में बिक्री में नुकसान हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में बिक्री बढ़ाने के लिये शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार को पांच गोमती चक्रलें। इसके बाद उसे लाल वस्त्र में बांध कर अपनी दुकान की चौखट से बांध दें। इसके बाद ईश्‍वर से बिक्री बढ़ाने की प्रार्थना करें। तो आप देखेंगे की यथाशीघ्र लक्ष्मी की कृपा आप पैर बन्ने लगेगी
 
(६) यदि आपको व्‍यवसाय में लगातार कोई नुकसान हो रहा हो या फिर हमेशा लड़ाई-झगड़ा होता रहता हो तो अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला लें। उसको शनिवार के दिन बहते पानी में बहा दें। व्‍यवसाय में हो रहे नुकसान से छुटकारा निश्चित रूप से मिल जाएगा।
 
(७) यदि आप अपने व्यापार को सर्वदा बुरी नजर तथा दुष्प्रभावों से दूर रख व्यापार में वृद्धि पाना चाहते हैं तो अपने व्यापारिक गले में स्फटिक का श्री यंत्र स्थापित करें तथा नित्य उसे गंगाजल से स्नान कराएं तत्पश्चात उस पर कुमकुम आदि का तिलक करें तथा श्री सूक्त का पाठ श्रद्धा पूर्वक करें तो आप देखेंगे आपके व्यापार में निरंतर तरक्की ही होती रहेगी !
 
यदि आप चाहते हैं  कि आपका व्यापार सदैव अच्छा चलता रहे तो सदैव अपनी टेबल, दराज, कुर्सी इत्यादि को पवित्र रखें । इन पर जूठी वस्तुएं, जूठे कप इत्यादि भूलकर भी नहीं रखें और यथासंभव प्रयास करें कि जिस गद्दी या कुर्सी पर आप बैठते हैं, वहां यूं ही किसी आगन्तुक को न बिठाएं। 
 

तो यह थे व्यापार में आ रही बाधाओं को दूर करने तथा व्यापार में वृद्धि करने के ७ अचूक उपाए ......

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