हनुमान जी को सिन्दूर क्यों चढाते हैं ?
नमस्कार मित्रों ,
मैं जितेन्द्र सकलानी एक बार पुन: प्रस्तुत हुआ हूँ आप लोगो के समक्ष अपने नए ब्लॉग के साथ अपने धर्मग्रंथो पर आधारित कुछ बताये गए वाक्य, अथवा नियमो के विषय में कुछ जानकरी लेकर....
मैं जितेन्द्र सकलानी एक बार पुन: प्रस्तुत हुआ हूँ आप लोगो के समक्ष अपने नए ब्लॉग के साथ अपने धर्मग्रंथो पर आधारित कुछ बताये गए वाक्य, अथवा नियमो के विषय में कुछ जानकरी लेकर....
आप में से बहुत से लोग हनुमान बाबा को चोला चढ़ाने जरूर जाते हैं परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर हनुमान जी को सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है? ऐसी किस घटना से इसका संबंध हो सकता है जिसके कारण हनुमान जी को सिंदूर इतना प्रिय हो गया? आपके इन्हीं प्रश्नों का उत्तर लेकर आज मैं आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत हुआ हूं अपने इस ब्लॉग के माध्यम से तो आइए जानते हैं-
हनुमान जी ने माता के कथन पर गंभीरता से विचार किया कि जब स्वामी ( श्रीराम ) माता जानकी के चुटकी भर सिन्दूर लगाने से प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी आयु में वृद्धि होती है , तब क्यों न मैं इसे अपने पूरे शरीर पर ही लगाकर स्वामी को अमर कर दूं ।
यह सोचकर कलेवा करने के बाद हनुमान जी ने अपने सारे शरीर पर सिन्दूर लगा लिया और सभा - मंडप में जा पहुंचे । हनुमान जी की इस दशा को देखकर सभी हंसने लगे । श्रीराम भी हंसे बिना न रह सके ।
भगवान् श्रीराम मुस्कराते हुए बोले , " हनुमान ! तुमने अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर क्यों लगा रखा है ?
" हनुमानजी विनीत भाव से बोले , " प्रभु ! माता जानकी के द्वारा अपनी मांग में चुटकी - भर सिन्दूर धारण करने से आप प्रसन्न होते हैं और आपकी आयुवृद्धि होती है तो मेरे सम्पूर्ण शरीर पर सिन्दूर धारण करने से आप अधिक प्रसन्न होंगे और साथ ही अजर - अमर भी । " इसीलिए मैंने यह सिंदूर धारण किया है ।
हनुमान जी की बात सुनकर श्रीराम गद्गद हो गए और यह भी घोषणा की कि मंगलवार के दिन जो कोई भी मेरे भक्त हनुमान को तेल व सिन्दूर चढ़ाएगा , मेरी उस पर विशेष कृपा रहेगी । तभी से हनुमान जी को श्रीराम के प्रति अनन्य भक्ति के स्मरणरूप चमेली के तेल में घोलकर सिन्दूर चढ़ाया जाता है । चमेली का तेल हनुमान जी को अतिप्रिय है । सिन्दूर चढ़ाने को चोला - चढ़ाना भी कहते हैं ।
आशा करता हूं आपको मेरा यह ब्लॉग पसंद आया होगा यदि इसमें किसी भी प्रकार से कोई त्रुटि पाई जाती है तो दुर्गा भवानी ज्योतिष केंद्र की ओर से मैं जितेंद्र सकलानी आपसे क्षमा याचना करता हूं एवं यदि आप इस विषय में कुछ और अधिक जानते हैं और हमारे साथ यदि उस जानकारी साझा करना चाहें तो आप e-mail के माध्यम से या कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से हमे बता सकते हैं हम आपकी उस जानकारी को अवश्य ही अपने इस जानकारी में आपके नाम सहित जोड़ेंगे
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