चार युग_और_उनकी विशेषताएं


नमस्कार मित्रों ,
                        मैं जितेन्द्र सकलानी एक बार पुन: प्रस्तुत हुआ हूँ आप लोगो के समक्ष अपने नए ब्लॉग के साथ अपने धर्मग्रंथो पर आधारित कुछ बताये गए  वाक्य, अथवा नियमो के विषय में कुछ जानकरी लेकर....

आज के आधुनिक युग में आपने बहुत बार सनातन धर्म की चर्चा को सुना होगा एवं उस चर्चा के दौरान जाना होगा कि चार प्रकार के युग होते हैं और उन्हीं युगों में यह कलयुग चल रहा है कलयुग में पाप की वृद्धि होती है एवं लोग ईश्वर पर आस्था रखना कम कर देते हैं परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि जब सतयुग रहा होगा या अन्य कोई युग रहा होगा तो उस समय मानव जीवन किस प्रकार का होता होगा? वह युग कितने वर्ष के होते होंगे? उस समय मनुष्य की आयु कितनी होती होगी? आदि आदि।

                  मेरे दिमाग में तो यह प्रश्न बार-बार ही आते हैं और मुझे आशा है कि आप के मस्तिष्क में भी यह प्रश्न कभी ना कभी तो जरूर आते होंगे । पहले के राजा महाराजा लोग सोने चांदी के बर्तनों में खाना खाया करते थे ऐसे सुनने को मिलता है तो आखिर इस चीज का क्या कारण है कि उन्हें इन बर्तनों में खाना खाना पड़ता था और क्यों वह प्रचलन अब समाप्ति की ओर हो गया ।

तो आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रश्नों का उत्तर इस ब्लॉग के माध्यम से


युग शब्द का अर्थ होता है एक निर्धारित संख्या के वर्षों की काल - अवधि । 

जैसे सतयुग , त्रेतायुग , द्वापरयुग , कलियुग आदि । आज हम चारों युगों का वर्णन करेंगें । युग वर्णन से तात्पर्य है कि उस युग में किस प्रकार से व्यक्ति का जीवन , आयु , ऊँचाई , एवं उनमें होने वाले अवतारों के बारे में विस्तार से परिचय देना । प्रत्येक युग के वर्ष प्रमाण और उनकी विस्तृत जानकारी कुछ इस तरह है -


सत्ययुग- यह प्रथम युग है इस युग की विशेषताएं इस प्रकार है 

सत्ययुग का तीर्थ - पुष्कर है ।

इस युग में पाप की मात्र 0 विश्वा अर्थात् ( 0 % ) होती है । 
इस युग में पुण्य की मात्रा 20 विश्वा अर्थात् ( 100 % ) होती है ! 
इस युग के अवतार मत्स्य , कूर्म , वाराह , नृसिंह ( सभी अमानवीय अवतार हुए ) है ! अवतार होने का कारण - शंखासुर का वध एंव वेदों का उद्धार , पृथ्वी का भार हरण , हरिण्याक्ष दैत्य का वध , 

हिरण्यकश्यपु का वध एवं प्रह्लाद को सुख देने के लिए । 
इस युग की मुद्रा – रत्नमय है । 
इस युग के पात्र - स्वर्ण के है । 
काल - 17,28000 वर्ष मनुष्य की लंबाई - 32 फ़ीट 
आयु -1 लाख वर्ष )  


त्रेतायुग - यह द्वितीय युग है इस युग की विशेषताएं इस प्रकार है 
त्रेतायुग का तीर्थ - नैमिषारण्य है । 
इस युग में पाप की मात्रा 5 विश्वा अर्थात् ( 25 % ) होती है । 
इस युग में पुण्य की मात्रा - 15 विश्वा अर्थात् ( 75 % ) होती है ।
इस युग के अवतार वामन , परशुराम , राम ( राजा दशरथ के घर )

अवतार होने के कारण – बलि का उद्धार कर पाताल भेजा , मदान्ध क्षत्रियों का संहार , रावण - वध एवं देवों को बन्धनमुक्त करने के लिए । 
इस युग की मुद्रा - स्वर्ण है । 
इस युग के पात्र - चाँदी के है । 
काल - 12,96,000 वर्ष मनुष्य की लंबाई -21 फ़ीट 
आयु -10,000 वर्ष )  


द्वापरयुग - यह तृतीय युग है इस युग की विशेषताएं इस प्रकार है

द्वापरयुग का तीर्थ - कुरुक्षेत्र है । 

इस युग में पाप की मात्रा - 10 विश्वा अर्थात् ( 50 % ) होती है । 
इस युग में पुण्य की मात्रा - 10 विश्वा अर्थात् ( 50 % ) होती है । 
इस युग के अवतार – कृष्ण , ( देवकी के गर्भ से एंव नंद के घर पालन पोषण ) 
अवतार होने के कारण - कंसादि दुष्टो का संहार एंव गोपों की भलाई , दैत्य को मोहित करने के लिए । 

इस युग की मुद्रा - चाँदी है । 
इस युग के पात्र ताम्र के हैं । 
काल - 8,64,000 वर्ष मनुष्य की लंबाई - 11 फ़ीट 
आयु- 1,000 वर्ष )  



कलियुग - यह चतुर्थ युग है इस युग की विशेषताएं इस प्रकार है 

कलियुग का तीर्थ – गंगा है । 

इस युग में पाप की मात्रा - 15 विश्वा अर्थात् ( 75 % ) होती है । 
इस युग में पुण्य की मात्रा - 5 विश्वा अर्थात् ( 25 % ) होती है । 
इस युग के अवतार – कल्कि ( ब्राह्मण विष्णु यश के घर ) 
अवतार होने के कारण - मनुष्य जाति के उद्धार अधर्मियों का विनाश एंव धर्म कि रक्षा के लिए । 
इस युग की मुद्रा - लोहा है । 
इस युग के पात्र - मिट्टी के है । 
काल - 4,32,000 वर्ष मनुष्य की लंबाई - 5.5 फ़ीट 
आयु - 60-100 वर्ष ... 




 आशा करता हूं आपको मेरा यह ब्लॉग पसंद आया होगा यदि इसमें किसी भी प्रकार से कोई त्रुटि पाई जाती है तो दुर्गा भवानी ज्योतिष केंद्र की ओर से मैं जितेंद्र सकलानी आपसे क्षमा याचना करता हूं एवं यदि आप इस विषय में कुछ और अधिक जानते हैं और हमारे साथ यदि उस जानकारी साझा करना चाहें तो आप e-mail के माध्यम से या कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से हमे बता सकते हैं हम आपकी उस जानकारी  को अवश्य ही अपने इस जानकारी में आपके नाम सहित जोड़ेंगे

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