जानिए बुध के रत्न पन्ना की विशेषताएं।

बुध - पन्ना
परिचय व स्वरूपः

बुध का रत्न पन्ना है । पन्ने को भारतीय साहित्य में सोपर्णी, मरकत मणि आदि नामों से पुकारा गया है । यवनों में इसे जुमर्व या सबजा और आंग्ल भाषा में EMERALD कहते हैं । यह साफ तथा हरे रंग का कोमल सुन्दर , चिकना तथा पारदर्शी होता है । पन्ने में दोष अवश्य होते हैं । अतः कम - से - कम दोष वाला धारण करें । कोलम्बिया की खान का पन्ना सर्वश्रेष्ठ बताया जाता है । भारत में जयपुर पन्ने की कटाई के काम के लिए प्रसिद्ध है । पन्ने के रंग अंगूर के समान , ताते के पंख के समान , मोर के पंख के समान , नींबू के पत्ते के समान , मखमली घास के समान तथा बांस के पत्ते के समान कहा गया है । कमल के पत्ते पर पड़े पानी की बूंद के समान उसकी निर्मल कांति होती है ।


गुण व लाभः

पन्ना विघ्ननाशक है । स्वप्न - दोष , नाडी - दोष , दृष्टि - दोष , अन्धापन , मंदाग्नि तथा सुस्ती का नाश करने वाला है । यह फूड प्वाइजनिंग से बचाता है । ‘ गारुडी विद्या ' ( सांप पकड़ने व वशीकृत कर लेने की विद्या ) के अनुसार मरकत मणि पर दृष्टि पड़ते ही साप अन्धा हो जाता है तथा इसमें सर्पविष को हटाने की शक्ति होती है । कुकुरखासी , बालचर आदि अन्य बहुत से रोग को भी पन्ना नष्ट करता है । इसी कारण पहले राजा - रानियों के आभूषणों में माणिक , हीरे , नीम आदि की भांति पन्ने को भी स्थान प्राप्त था । प्रसव काल में पन्ना धारण करने से प्रसव का कष्ट व पीड़ा कम होती है । यह मिरगी दूर करने वाला तथा स्त्रियों के सतीत्व का रक्षक भी माना जाता है।

उपरत्न तथा परीक्षा -

पन्ने को स्वर्ण में धारण किया जाता है । पन्ने के उपरत्न हरित नीलमणि ( एक्वामैरनि ) , पन्नी , मरगज ( JADE ) , गरुड़ मणि तथा फिरोजा आदि हैं । थकी आखों या धूप में दुखती आंखों से कुछ समय असली पन्ने को निहारने से आखों को शीतलता प्राप्त होती है ।

धारण विधिः

तीन रत्ती से पांच रत्ती का पन्ना प्रायः धारण किया जाता है । विधि वही पूर्ववर्णित है । इसे बुधवार को हस्त नक्षत्र में , शुभ भद्रा तिथि में , बुध के होरा में धारण करते हैं । इसे गंगाजल से धोकर धारण करने से पूर्व एक माला फेरकर बुध के जाप कर ( ऊ ब्रां ब्रीं ब्रों सः बुधाय नमः ) लेना चाहिए । इस प्रकार कोई भी रत्न अभिमंत्रित हो जाने पर ही धारण किया जाता है । पन्ने के साथ मूंगा या मोती नहीं पहनते ।

कब , कौन पहने - नियमः

बुध यदि शनि , राहु और मंगल या इनमें से किन्हीं दो के साथ हो , अशुभ व निर्बल हो , बुधजनित पीड़ा हो , बुधकारक होकर छठे , आठवें या बारहवें घर में हो , बुध , धनु राशि में हो , लग्न कन्या हो अथवा मिथुन हो अथवा बुध की महादशा आदि चल रही हो तब पन्ने को धारण किया जाता है । पन्ने को दाएं हाथ की कनिष्ठा उंगली में पहनते हैं ।



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