कीर्तन में ताली क्यों बजाते हैं ?


नमस्कार मित्रों ,
                        मैं जितेन्द्र सकलानी एक बार पुन: प्रस्तुत हुआ हूँ आप लोगो के समक्ष अपने नए ब्लॉग के साथ अपने धर्मग्रंथो पर आधारित कुछ बताये गए  वाक्य, अथवा नियमो के विषय में कुछ जानकरी लेकर....
 आप कई बार भजन संकीर्तन या किसी संगत सत्संग आदि में गए होंगे वहां अपने लोगों को ताली बजाते हुए तो जरूर देखा होगा क्या आपके मन में भी कभी यह विचार आया है कि कीर्तन में या सत्संग में ताली क्यों बजाई जाती है ? आपके ऐसे विचित्र प्रश्न का उत्तर आज हम अवश्य देंगे अपने इस ब्लॉग के माध्यम से तो आइए जानते हैं-

           श्रीरामकृष्ण देव भी कहा करते थे कि ताली बजाकर प्रात: काल और सायंकाल हरिनाम भजा करो । ऐसा करने से सब पाप दूर हो जाएंगे । जैसे पेड़ के नीचे खड़े होकर ताली बजाने से पेड़ की सब चिड़ियां उड़ जाती हैं , वैसे ही ताली बजाकर हरिनाम लेने से देहरूपी वृक्ष से अविद्यारूपी चिड़ियां उड़ जाती हैं ।

प्राचीन काल में मंदिरों में पूजा , आरती , भजन - कीर्तन आदि में समवेत रूप से ताली बजाने की परंपरा रही है , जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने का एक अत्यंत उत्कृष्ट साधन है ।


चिकित्सकों का ऐसा मत है कि हमारे हाथों में एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स  अधिक होते हैं । ताली बजाने से हथेलियों के एक्यूप्रेशर केंद्रों पर अच्छा दबाव पड़ता है । जिससे शरीर की अनेक बीमारियों में लाभ पहुंचता है और शरीर निरोगी बनता है , अत: ताली बजाना एक उत्कृष्ट व्यायाम है । इससे शरीर की निष्क्रियता ख़त्म होकर क्रियाशीलता बढ़ती है । रक्त संचार की रुकावट दूर होकर अंग ठीक तरह से कार्य करने लगते हैं । 

ताली बजाने से रक्त का शुद्धिकरण हो जाता है और हृदय रोग , रक्त - नालिकाओं में रक्त का थक्का बनना रुकता है । फेफड़ों के रोग दूर होते हैं । श्वेत रक्तकण सक्षम तथा सशक्त बनने के कारण शरीर में चुस्ती , फुर्ती तथा ताजगी का एहसास होता है । रक्तकणों की कमी दूर होकर वृद्धि होती है और स्वास्थ्य सुधरता है  इसलिए पूजा - कीर्तन में तालबद्ध तरीके से अपनी पूरी शक्ति से ताली बजाएं और रोग दूर भगाएं । इससे तन्मय होने और ध्यान लगाने में भी सरलता रहेगी ।
 आशा करता हूं आपको मेरा यह ब्लॉग पसंद आया होगा यदि इसमें किसी भी प्रकार से कोई त्रुटि पाई जाती है तो दुर्गा भवानी ज्योतिष केंद्र की ओर से मैं जितेंद्र सकलानी आपसे क्षमा याचना करता हूं एवं यदि आप इस विषय में कुछ और अधिक जानते हैं और हमारे साथ यदि उस जानकारी साझा करना चाहें तो आप e-mail के माध्यम से या कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से हमे बता सकते हैं हम आपकी उस जानकारी को अवश्य ही अपने इस जानकारी में आपके नाम सहित जोड़ेंगे

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