प्रातः जागते ही भू - वंदना क्यों की जाती है ?


नमस्कार मित्रों ,
                        मैं जितेन्द्र सकलानी एक बार पुन: प्रस्तुत हुआ हूँ आप लोगो के समक्ष अपने नए ब्लॉग के साथ अपने धर्मग्रंथो पर आधारित कुछ बताये गए  वाक्य, अथवा नियमो के विषय में कुछ जानकरी लेकर....
आपने कभी ना कभी हमारे बड़े बुजुर्गों को यह कहते तो अवश्य ही सुना होगा कि सुबह उठते ही धरती पर पैर नहीं रखना चाहिए बल्कि पैर रखने से पहले धरती माता को प्रणाम करना चाहिए यहां तक की पूजन पाठ के दौरान भी आपने देखा होगा पूजन शुरू होने से पहले धरती माता को प्रणाम किया जाता है शास्त्रों में धरती को भी माता का दर्जा दिया गया है परंतु किस आधार पर किया जाता है माता धरती का पूजन आइए जानते हैं एस ब्लॉक के द्वारा।

सवेरे बिस्तर से उतरने के पहले पृथ्वी माता का अभिवादन करना चाहिए , क्योंकि हमारे पूर्वजों ने इसका विधान बनाकर इसे धार्मिक रूप इसलिए दिया , ताकि हम धरती माता के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट कर सकें । 

                      वेदों ने पृथ्वी को मां कहकर इसकी वंदना की है । चूंकि हमारा शरीर भूमि के तत्त्वों से बना है और भूमि पर पैदा अन्न हमने खाया है , जल पीया है , औषधियां पाई हैं । अतः हम इसके ऋणी हैं । धरती पर पैर रखने की विवशता के लिए उससे क्षमा मांगते हुए इस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए- 

समुद्रवसने देवि ! पर्वतस्तनमण्डिते । 
विष्णुपनि नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्व मे ॥ 
( विश्वामित्र स्मृति 1 / 44-45 ) 

अर्थात् समुद्ररूपी वस्त्र धारण करने वाली , जीवनदायिनी नदियों के समान दुग्ध धाराओं को जन्म देने वाली , पर्वतरूपी स्तनों वाली हे विष्णु पत्नी अपने ऊपर पैर रखने के लिए मुझे क्षमा करें ।

 वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो जब हम पलंग पर चादर या कंबल ओढ़कर शयन करते हैं , तो हमारे शरीर की गर्मी ढके हुए पैरों में बढ़ जाती है । ऐसे में तुरंत बिस्तर से उतरकर धरती पर पैर नहीं रखना चाहिए । क्योंकि हमारे शरीर में पैरों के माध्यम से सर्दी - गर्मी का प्रवेश शीघ्र ही हो जाता है , जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है । इसलिए सवेरे के समय भूमिवंदन करने से कुछ समय कंबल हटा देने के कारण पैरों का तापमान सामान्य हो जाता है ।
 आशा करता हूं आपको मेरा यह ब्लॉग पसंद आया होगा यदि इसमें किसी भी प्रकार से कोई त्रुटि पाई जाती है तो दुर्गा भवानी ज्योतिष केंद्र की ओर से मैं जितेंद्र सकलानी आपसे क्षमा याचना करता हूं एवं यदि आप इस विषय में कुछ और अधिक जानते हैं और हमारे साथ यदि उस जानकारी साझा करना चाहें तो आप e-mail के माध्यम से या कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से हमे बता सकते हैं हम आपकी उस जानकारी को अवश्य ही अपने इस जानकारी में आपके नाम सहित जोड़ेंगे

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