हो रहा है राहु केतु का राशि परिवर्तन, जानिए किन-किन राशियों के लिए कैसा रहेगा इसका प्रभाव?

ज्योतिष में राहू-केतु का बहुत अधिक महत्व माना गया है। अनुसंधानिक दृष्टि से देखा जाए तो भले ही राहु-केतु खगोलीय दृष्टि में कोई ग्रह नहीं हैं परंतु ज्योतिष में इन्हें छाया ग्रह की मान्यता मिली है जिन्हें अंग्रेजी में ( NORTH NODE OF THE MOON & SOUTH NODE OF THE MOON) भी कहा जाता है। राहु के साथ केतु का भी नाम लिया जाता है क्योंकि दोनों एक दूसरे के विपरीत बिंदुओं पर समान गति से गोचर करते हैं। राह-केतु को जन्म से ही वक्री ग्रह माना गया है।
परिचय राहु-केतु खगोलीय दृष्टि के अनुसार
पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर परिभ्रमण का मार्ग और चंद्रमा के पृथ्वी के चारों ओर घूमने का मार्ग अलग-अलग है । जंहा यह दोनों मार्ग एक दूसरे को काटते हैं उस बिंदु को राहु कहा गया है। अर्थात चंद्र जब अपने मार्ग पर चलता हुआ भूचक्र के उस स्थान पर पहुंचे जिस को पार करने पर वह उत्तर की ओर जाएगा वह बिंदु राहु कहलाता है और जब उस बिंदु पर पहुंचे जिसे पार करने पर वह दक्षिण की ओर चला जाएगा उस बिंदु को केतु कहा जाता है।
परिचय राह-केतु पौराणिक ग्रंथों के अनुसार
पौराणिक ग्रंथों में राहु एक असुर हुआ करता था जिसने समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत की कुछ बूंदे पी ली थी। सूर्य और चंद्रमा को तुरंत इसकी भनक लगी तो उन्होंने इसकी सूचना भगवान विष्णु को दी इससे पहले की राहु के गले से अमृत नीचे उतरता भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया परंतु तब तक वह अमृत की कुछ बूंदों का स्पर्श कर चुका था जिसके कारण उसका शरीर दो भागों में विभक्त हो गया उसका सिर अमरता को प्राप्त हो गया और राहु कहलाया अतएव धड को केतु कहा जाने लगा।
सूर्य व चंद्रमा से राहु की शत्रुता का कारण भी यही माना जाता है। मान्यता है कि इसी शत्रुता के चलते राहु सूर्य व चंद्रमा को समय-समय पर निगलने का प्रयास करता है जिसके कारण इन्हें ग्रहण लगता है। ज्योतिष शास्त्र में भी राहु को छाया ग्रह माना जाता है। राहु पाप ग्रह है। जातक की कुंडली में कालसर्प जैसे दोष राहु के कारण ही देखने को मिलते हैं। मिथुन राशि में राहु को उच्च का तो धनु राशि में नीच का माना जाता है। राहु को अनैतिक कृत्यों का कारक भी माना जाता है। शनि के बाद राहु-केतु ऐसे ग्रह हैं जो एक राशि में लंबे समय लगभग 18 महीने तक रहते हैं। ऐसे में राहु का राशि परिवर्तन करना एक बड़ी ज्योतिषीय घटना मानी जाती है
दुर्गा भवानी ज्योतिष केंद्र के माध्यम सेज्योतिषाचार्य जितेन्द्र सकलानी जी ने बताया कि वाणी भूषण पंचांग के अनुसार इस प्रकार से होगा राहु एवं केतु का राशि परिवर्तन।
राहु गोचर कर्क राशि से मिथुन राशि पर 06 मार्च 2019 (बुधवार) 00:09 पर
स्पष्ट राहु गोचर कर्क से मिथुन – 07 मार्च 2019 (गुरुवार) प्रातः सूर्योदय उपरान्त
केतु गोचर मकर राशि से धनु राशि पर उपरोक्त तिथि व समयानुसार।
समस्त ग्रहों में राहु को एक क्रूर स्वभाव और बुद्धि को भ्रमित कर देने वाले छाया ग्रह के नाम से जाना जाता है। राहु के प्रभाव से मनुष्य के जीवन में रहस्यमयी और अप्रत्याशित परिवर्तन होते हैं। इसके फलस्वरूप जीवन में अचानक कोई बड़ा परिवर्तन और हादसे घटित होते हैं। हालांकि ये सुखद और दुखद दोनों हो सकते हैं। कुंडली में राहु की दशा और स्थिति से इसका बोध होता है। गोचर के दौरान राहु एक राशि में 18 महीने तक संचरण करता है।
अब 06 मार्च 2019 से राहु कर्क राशि से अपनी उच्च राशि मिथुन में लौट आया है। साल 2019 में राहु के मिथुन राशि में गोचर से आपकी राशि पर कैसा होगा असर जानिए ?
मेष
राहु आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करेगा। इस गोचर के फलस्वरूप नए और सृजनात्मक विचार उत्पन्न होंगे। जो कला और लेखन से जुड़े जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। छात्रों को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होगी। इसके अलावा बच्चे ज्यादा शरारती और उपद्रवी हो जाएंगे और उन पर आपका नियंत्रण नहीं रहेगा। इस दौरान आप निवास स्थान बदल सकते हैं या किसी दूसरे शहर और घर में शिफ्ट हो सकते हैं। राहु के तीसरे भाव में होना आपके लिए कई मामलों में लाभकारी रहेगा। कार्य स्थल पर आपको कई ऐसे अवसर मिलेंगे, जहां नए विचारों के प्रयोग से आपके काम और सार्थक होंगे। राहु के इस गोचर की वजह से आप पर काम की अधिकता रहेगी, जिसकी वजह से मानसिक दबाव बढ़ सकता है। रुके हुए कार्यों में सिद्धि होगी। धन का लाभ प्राप्त होगा। परिश्रम सफल होंगे परंतु पारिवारिक जीवन में परेशानी आ सकती है अति उत्साह के कारण बंधुजनों में वाद विवाद भी हो सकता है।
वृषभ
राहु के द्वितीय घर में गोचर करने से आपके निर्णय लेने की क्षमता पर असर पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप प्रभावी फैसले लेने में दिक्कत आएगी। छोटे-मोटे कामों और प्रोजेक्ट्स में व्यस्त रह सकते हैं। पारिवारिक जीवन में कुछ ग़लतफहमी की वजह से मतभेद हो सकते हैं। हालांकि मिथुन राशि में राहु के गोचर के फलस्वरूप आपके जीवन में अचानक धन लाभ की प्राप्ति होने से अपार खुशियां आएंगी। आप लक्ष्यों का निर्धारण कर कड़ी मेहनत और लगन के साथ काम करेंगे और सफलता प्राप्त करेंगे। काम के सिलसिले में या किसी और वजह से यात्रा पर जा सकते हैं। कई योजनाएं क्रियान्वित होगी अप्रैल के बाद आपके व्यवहार और आचरण में नकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। वाणी में कठोरता वाद विवाद परंतु धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन की ओर झुकाव बढ़ेगा।
मिथुन
राहु आपके लग्न भाव में उच्च राशि पर स्थित होगा। राहु के लग्न भाव में उच्च होने से आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होगा और दृढ़ इच्छाशक्ति आएगी। जीवन में आने वाली तमाम चुनौतियों का सामना करने के लिए आप मानसिक रूप से तैयार रहेंगे। इस गोचर का प्रभाव आपके दांपत्य जीवन में उलझन उत्पन्न कराएगा । कम दूरी की यात्रा संभावित है। 24 मार्च के बाद आपको घर से दूर रहना पड़ सकता है। आय के साधनों में बढ़ोतरी होगी। जीवन साथी या परिजन की सेहत गड़बड़ा सकती है।
कर्क
राहु के द्वादश भाव में होने से आर्थिक मामलों में धनजानी एवं खर्चे अधिक देखने को मिलेंगे। पारिवारिक जीवन में कुछ परेशानी आएगी बाहरी संपर्क में वृद्धि होगी। परिजनों की सेहत को लेकर चिंता बढ़ सकती है। ग़लतफहमी की वजह से परिवार में मतभेद हो सकते हैं। कार्यों में व्यस्तता एवं परिश्रम अधिक हो सकता है परंतु यह आपके लिए लाभकारी होगा। बौद्धिक कौशल और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होगा। हालांकि विचारों में टकराव होने की वजह से घरेलू जीवन में मतभेद होंगे। इसलिए धैर्य के साथ काम लें। पारिवारिक जीवन में सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
सिंह
राहु के आपकी राशि में ग्यारहवें भाव में स्थित होने से इस साल व्यक्तिगत जीवन में आपको कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। राहु के गोचर के प्रभाव से आपके स्वभाव और व्यवहार में चिड़चिड़ापन आएगा और इसका असर आपके रिश्तों पर पड़ेगा। आप दोस्त और दुश्मनों में फर्क करना भूल जाएंगे। वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां आ सकती है लेकिन जून के बाद परिस्थितियों में सुधार होगा। आपको विभिन्न लाभ प्राप्त होंगे । कार्यों में सफलता मिलेगी। आपके परिश्रम सफल होंगे।
लंबी दूरी की यात्रा और विदेशों में संपर्क बढ़ने की संभावना नज़र आ रही है। अगर आपकी कुंडली में शत्रु ग्रह एक-दूसरे के साथ बैठकर संबंध बना रहे हैं, तो इसका जातक की साख और सेहत पर गहरा असर पड़ सकता है। खर्च लगातार बढ़ेंगे।
कन्या
राहु का दशवें भाव में संचरण करना आपके माता पिता की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। कानूनी कार्यवाही और अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। उच्च पदस्थों में विरोध आपकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। काम या किसी अन्य वजह से लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है परंतु परिश्रम विफल होगा। अप्रैल के बाद आमदनी बढ़ेगी और धन का आगमन तेजी से होगा। नौकरीपेशा और बिज़नेस से जुड़े जातकों की तरक्की होगी। कार्य स्थल पर वरिष्ठ अधिकारियों को आपके विचारों को समझने में मुश्किल होगी इसलिए शांति और संयम के साथ उन्हें समझाने की कोशिश करें।अपनी संगति पर विशेष ध्यान दें गलत संगति का निर्णय लेने में असमंजस होगी । नए प्रेम प्रसंग बन सकते हैं।
तुला
राहु आपके नवें भाव में स्थित होगा। 9वां भाव भाग्य वृद्धि और सफलताओं से संबंधित होता है। इसलिए इस वर्ष आपको अपार सफलता मिलेगी, जो जीवन भर आपके लिए यादगार रहेगी। आय के नए साधन मिलेंगे परंतु संदिग्ध अवसरों की हानि हो सकती है। करियर में कई सुनहरे अवसर आएंगे। जीवन साथी या प्रियतम के साथ कहीं घूमने जा सकते हैं। लव लाइफ भी अच्छी रहेगी। हालांकि संतान पक्ष के स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता परेशान कर सकती है। अप्रैल के बाद नई नौकरी मिलने के आसार बन रहे हैं। कार्य स्थल पर विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि सभी मसलों को धैर्य और शांति के साथ सुलझाने की कोशिश करें। काम की अधिकता से परिवार को पर्याप्त समय नहीं दे पाएंगे। मित्रों से कास्ट मिलने की संभावना है।
वृश्चिक
राहु आपके आठवें भाव में स्थित है। यह भाव आपके आयु और रोग ओर शोध से जुड़ा है। राहु के इस गोचर की वजह से आपको अपने शरीर के प्रति सावधान और समर्पण का भाव रखने की ज़रुरत है। क्योंकि अचानक दुर्घटना के योग बन रहे हैं ।यदि आप सुनहरा भविष्य चाहते हैं तो आपको वर्तमान की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इस वर्ष काम में व्यस्तता की वजह से पारिवारिक जीवन प्रभावित होगा। इसलिए कामकाज और पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाए रखने की कोशिश करें। शरीर में रोग उत्पत्ति के कारण कामकाज भी परस्पर तौर पर आप नहीं कर पाएंगे राहु के मिथुन राशि में गोचर करने के बाद आपके अंदर आध्यात्मिक चिंतन की लालसा बढ़ेगी। लंबी दूरी की यात्रा की संभावना बन रही है हो सकता है आप कहीं गुप्त प्रवास भी करें। आपको आपकी सेहत पर ध्यान देने की ज़रुरत होगी। राहु के गोचर की वजह से क्रांतिकारी विचार उत्पन्न होंगे। जिसके फलस्वरूप आपका स्वभाव उग्र और उपद्रवी होगा। इसलिए कुछ भी करने से पहले सोचे और आगे बढ़ें। आपके बोल और विचार किसी को ठेस पहुंचा सकते हैं।
धनु
राहु आपके सातवें भाव में स्थित है। यह भाव आपकी धर्मपत्नी और दैनिक रोजगार से संबंधित है। इस वर्ष पत्नी के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की ज़रुरत है। पत्नी के साथ रिश्तों में कुछ ग़लतफहमी पैदा हो सकती है। अप्रैल के बाद आध्यात्मिक और जादू टोना जैसी विद्या के प्रति झुकाव बढ़ सकता है। किसी गंभीर बीमारी या दुर्घटना के चलते धनहानि कि भी संभावना है। अवैध व प्रतिबंधित वस्तुओं और उससे जुड़े कार्यों से दूरी बनाए रखें।
मकर
इस वर्ष राहु आपके छठवें भाव में बना रहेगा। रहस्यपूर्ण गतिविधियों की ओर झुकाव बढ़ेगा। अवैध साधनों से धन की प्राप्ति होगी। राहु के गोचर के दौरान अप्रत्याशित लाभ की संभावना है। पिता की सेहत थोड़ी गड़बड़ा सकती है। नौकरी पेशे से जुड़े जातक कुछ नया और आविष्कारिक कार्य करने में सक्षम होंगे। मिथुन राशि में राहु के गोचर के दौरान आपके शत्रु कमजोर होते हुए नजर आएंगे। कार्यों में सफलता। मुकदमों में सफलता प्राप्त होगी। नई योजनाओं पर कार्य कर सकते हैं। आपके परिश्रम पर सार्थक होंगे इसलिए रिश्तों में शांति और सद्भाव बनाए रखने की कोशिश करें। करियर में प्रगति होगी।
कुंभ
राहु आपके पांचवें भाव में गोचर करेगा। यह घर विद्या और संतान से संबंधित है। राहु के गोचर से संतान प्रतिपक्षता में परेशानी होगी। कार्यालयों से जुड़े काम काज में भी समस्या का सामना करना पड़ेगा। अभिभावक ओर संतान के बीच ग़लतफहमी होने से मतभेद होंगे। इस समय में गलत सलाह के कारण टकराव बढ़ेगा। अप्रैल में राहु के पांचवें संचरण करने पर दो नंबर के कार्य में उन्नति होगी। विरोधियों पर हावी रहेंगे और आपकी जीत होगी। सेहत का ख्याल रखने की ज़रुरत है क्योंकि आप पेट कि बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलेगी। कानूनी विवादों का समाधान होगा और फैसला आपके पक्ष में होगा।
मीन
राहु आपके चौथे भाव में गोचर करेगा। इसके फलस्वरूप जीवन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों से लड़ने के लिए आपको साहस और आत्मबल मिलेगा। आप शत्रुओं और प्रतिद्वन्दी पर हावी होंगे और उन्हें पराजित करेंगे। सभी विवादों को किनारे करते हुए आप आगे की ओर बढ़ेंगे। अप्रैल में राहु के कारण शारीरिक कष्ट, अचानक विवाद, तनाव, भ्रम, अपयश कार्य क्षेत्र में विरोध यह सब देखने को मिलेंगे। इस समय में आप के अंदर आसान तरीकों से कामों को पूरा करने की इच्छा होगी। हालांकि अपनी रणनीति को लागू करने से पहले अच्छे से सोचें वरना ऐसा ना हो कि सुनहरे अवसर हाथ से निकल जाए। आय में वृद्धि होगी परन्तु धन हानि के भी योग बनेंगे। राजनीति और आईटी सेक्टर में रूचि बढ़ेगी।
उपाय :
यदि आप राहु की दशा से पीड़ित हैं तो इन उपायों से बुरे प्रभावों को दूर कर सकते हैं।
चांदी के आभूषण पहनें। काले कुत्ते को रोटी व अन्य खाद्य पदार्थ खिलाएं। भगवान शिव की आराधना करें। भैरव बाबा के मंदिर जाकर दर्शन कीजिए और पूजा-अर्चना करें।
Note :-राहु कुछ लोगों को 06 मार्च 2019 से 2-3 दिन पूर्व से ही नकारात्मक असर दिखाने लगेंगे।

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