जानिए किस ग्रह के आधार पर करें कौन सा व्यवसाय ? सफलताएं चूमेगी आपके कदम ।


जानिए किस ग्रह के आधार पर करें कौन सा व्यवसाय ?सफलताएं चूमेगी आपके कदम ।



आज के भागदौड़ भरी जीवन की दिनचर्या में हर व्यक्तित्व तरक्की प्राप्त करना चाहता है जिसके लिए वह अलग-अलग मार्ग एवं उद्देश्यों का चयन भी करता है परंतु कई बार अत्यधिक परिश्रम के उपरांत भी उनको सफलता प्राप्त नहीं हो पाती । कई बार व्यक्ति व्यापार करने का इच्छुक तो होता है परंतु वह या नहीं जान पाता कि उसे किस प्रकार का व्यापार करना चाहिए?

 इस बात को ध्यान में रखते हुए आज हम जानेंगे *दुर्गा भवानी ज्योतिष केंद्र* के माध्यम से ज्योतिष आचार्य जितेंद्र सकलानी जी के द्वारा की किस ग्रह के आधार पर हमें कौन सा व्यापार अथवा व्यवसाय करना चाहिए ।

*सूर्य से संबंधित व्यापार है*
सरकारी नौकरी , सरकारी सेवा , उच्च स्तरीय प्रशासनिक सेवा , मजिस्ट्रेट , राजनीति , सोने का काम करने वाले , जौहरी , फाईनान्सर , प्रबन्धक ,  , राजदूत , चिकित्सक (फिजिशियन), दवाइयों से संबंधी  मैनेजमेंट ,  , उपदेशक , मंत्र कार्य , फल विक्रेता , वस्त्र , घास फूस ( नारियल रेशा , बांस   तृण आदि  ) से निर्मित सामाग्री ,  तांबा , स्वर्ण, माणिक , सींग या हड्डी के बने समान , खेती बाड़ी , धन विनियोग , बीमा एजेंट , सरकारी मुखबीर ,  गेहूं से संबंधी  , विदेश सेवा , उड्डयन , ओषधि  , चिकित्सा , सभी प्रकार के अनाज , लाल रंग के पदार्थ  , शहद , लकड़ी व प्लाई वुड का कार्य , चतुर्थ से संबंध बनाकर इमारत बनाने मे काम आने वाला लकड़ी ,  सर्राफा , वानिकी , ऊन व ऊनी वस्त्र , पदार्थ विज्ञान , अन्तरिक्ष विज्ञान , फोटोग्राफी , नाटक ,  फिल्मों का निर्देशन ,  इत्यादि |

सूर्य के साथ पंचमेश या नवमेश का संबंध बनता हो तो जातक अपने पिता या पारीवारिक काम को आगे बढ़ सकता है ।

*चंद्रमा से संबंधित व्यापार हैं*
व्यवसाय क्षेत्र में चंद्रमा एक जलीय ग्रह है अत: इसके कार्यों में जल से संबंधित वस्तुओं का व्यापार करने के अवसर देखे जा सकते हैं ।

 जल से उपरत्न वस्तुएं , पेय पदार्थ , दूध , डेयरी प्रोडक्ट (दही, घी, मक्खन) खाद्य पदार्थ , आईसक्रीम ,  कोल्ड ड्रिंक्स , मिनरल वाटर , आइस क्रीम , श्वेत पदार्थ , चांदी  , चावल ,  नमक ,चीनी , पुष्प सज्जा ,  मोती , मूंगा , शंख , क्रॉकरी ( चीनी मिट्टी )  , कोमल मिट्टी ( मुलतानी ) , प्लास्टर ऑफ पेरिस ,  सब्जी , वस्त्र व्यवसाय ,  रेडीमेड वस्त्र  ,  जादूगर , फोटोग्राफिक्स व वीडियो मिक्सिंग , विदेशी कार्य  , आयुर्वेदिक दवाएं , मनोविनोद के कार्य , आचार -चटनी -मुरब्बे , जल आपूर्ति विभाग , नहरी एवम सिंचाई विभाग , पुष्प सज्जा , मशरूम , , मत्स्य से सम्बंधित क्षेत्र , सब्जियां , लांड्री ,  आयात -निर्यात ,  शीशा , चश्मा , महिला कल्याण , नेवी ( नौ सेना )  , जल आपूर्ति विभाग , नहरी एवम सिंचाई विभाग , आबकारी विभाग ,  नाविक ,  यात्रा से संबंधित कार्य  , अस्पताल ,  नर्सिंग , परिवहन  ,   जनसंपर्क अधिकारी  ,  कथा -कविता लेखन इत्यादि  । चन्द्र + राहू  – मादक पदार्थ , शराब  । चन्द्र + शुक्र – सुगंधित तेल , इत्र  ।

चंद्रमा को स्त्री ग्रह माना गया है अत: जब यह अपने ही जैसे दूसरे ग्रह के साथ संबंध बनाता है तो जातक स्त्री पक्ष के साथ मिलकर काम करने वाला बन सकता है ।

*मंगल से संबंधित व्यापार हैं*
ज्योतिष में मंगल को सेनापती के रुप में दर्शाया गया है ।  मंगल ग्रह अग्नि तत्व का ग्रह तथा भूमि का कारक माना गया है ।  इस ग्रह के संदर्भ में सेना संबंधी कार्यों और पुलिस विभाग से जुडे़ कामों को देखा जा सकता है । 

पुलिस व सेना की नौकरी ,  अग्नि कार्य , बिजली का कार्य , विद्युत् विभाग  , साहसिक कार्य ,  धातु कार्य , जमीन का क्रय –विक्रय , भूमि के कार्य , भूमि विज्ञान ,  रक्षा विभाग , खनिज पदार्थ  , इलेक्ट्रिक एवम इलेक्ट्रोनिक इंजिनीयर ,  मकेनिक , वकालत ,  ब्लड बैंक , शल्य चिकित्सक ,  केमिस्ट , दवा विक्रेता , खून बेचना ,  सिविल इंजीनियरिंग , शस्त्र निर्माण , बॉडी बिल्डिंग , साहसिक खेल , कुश्ती , स्पोर्टस , खिलाड़ी ,  फायर ब्रिगेड , आतिशबाजी , रसायन शास्त्र ,   सर्कस , नौकरी दिलवाने के कार्य , शक्तिवर्धक कार्य , अग्नि बीमा , चूल्हा , ईंधन , पारा , पत्थर   ,  मिट्टी का समान ,   तांबे से संबंधित कार्य ,  धातुओं से सम्बंधित कार्य क्षेत्र  , लाल रंग के पदार्थ , बेकरी , कैटरिंग , हलवाई , रसोइया  , इंटों का भट्ठा , बर्तनों का कार्य ,  होटल एवम रेस्तरां ,फास्ट -फ़ूड , जूआ , मिटटी के बर्तन व खिलौने  , नाई , औज़ार , भट्ठी ,   इत्यादि ।

यदि कार्य क्षेत्र का स्वामी होते हुए मंगल केतु, सूर्य जैसे अग्नि युक्त ग्रहों से संबंध बनाता है तो व्यक्ति अग्नि संबंधि कामों से धनोपार्जन करता है. भठ्ठी के काम, बिजली के काम, भोजन बनाने संबंधी काम या कल-कारखानों में काम कर सकता है ।


*बुध ग्रह से सम्बन्धित व्यापार हैं*

बुध एक पूर्ण वैश्य रूप का ग्रह है ।  व्यापार से जुडे़ होने वाला एक ग्रह है जो जातक को उसके कारक तत्वों से पुष्ट करने में सहायक बनता है ।  इसी के साथ व्यक्ति को अपनी बौधिकता का बोध भी हो पाता है और उसे सभी दृष्टियों से कार्यक्षेत्र में व्यापार करने वाला बनाता है ।

व्यापार कार्य , वेदों का अध्यापन , लेखन कार्य ( लेखक ) , ज्योतिष कार्य , प्रकाशन का कार्य  , चार्टड एकाउटेंट , मुनीम ,  शिक्षक , गणितज्ञ ,  कन्सलटैंसी , वकील  ,  ब्याज , बट्टा , पूंजी निवेश , शेयर मार्केट  ,  कम्प्यूटर जॉब , लेखन , वाणीप्रधान कार्य ,  एंकरिंग , शिल्पकला , काव्य रचना , पुरोहित का कार्य  ,  कथा वाचक  ,  गायन विद्या , वैद्य , गणित व कोमर्स के अध्यापक ,  वनस्पति ,  बीजों व पौधों का कार्य ,  समाचार पत्र , दलाली के कार्य ,  वाणिज्य संबंधी , टेलीफोन विभाग ,  डाक , कोरिय , यातायात , पत्रकारिता , मीडिया , बीमा कंपनी, संचार क्षेत्र , ,दलाली , आढ़त , हरे पदार्थ , सब्जियां , लेखा कार , कम्प्यूटर  ,फोटोस्टेट , मुद्रण , डाक -तार , समाचार पत्र , दूत कर्म , टाइपिस्ट , कोरियर सेवा , बीमा , सैल टैक्स , आयकर विभाग , सेल्स  मैन , हास्य व्यंग के चित्रकार या कलाकार इत्यादि 

बुध और शुक्र दोनों बलवान हों तो जातक को वस्त्र उद्योग में अच्छी सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है । बुध लेखन का कार्य देता है यदि यह सूर्य जो राज्य से संबंधित होता है उससे प्रभावित हो तो जातक किसी लेखन संस्था से जुड़ सकता है ।

*बृहस्पति ग्रह से सम्बन्धित व्यापार हैं।*

बृहस्पति को समस्त ग्रहों में शुभ ग्रह माना गया है ।  इसी के साथ इन्हें ज्ञान , विवेक और धन का कारक माना जाता है ।
 ब्राह्मण का कार्य , धर्मोपदेश का कार्य , धर्मार्थ संस्थान , धार्मिक व्यवसाय , कर्मकाण्ड , ज्योतिष , राजनीति  , न्यायालय संबंधित  कार्य , नयायाधीश , कानून , वकील ,  बैंकिंग कार्य , कोशाध्यक्ष , राजनीति , अर्थशास्त्र , पुराण , मांगलिक कार्य , अध्यापन कार्य , शिक्षक , शिक्षण संस्थाएं  , पुस्तकालय ,   प्रकाशन , प्रबंधन , पुरोहित , शिक्षण संस्थाएं ,  किताबों से संबंधित कार्य ,  परामर्श कार्य ,   पीले पदार्थ , स्वर्ण ,  पुरोहित  , संपादन , छपाई , कागज से संबंधित कार्य ,  व्याज कार्य ,  गृह निर्माण , उत्तम फर्नीचर, शयन उपकरण , गर्भ संबंधित कार्य, खाने पीने की वस्तुएं, स्वर्ण कार्य , वस्त्रोंसे संबंधित , लकड़ी से संबंधित कार्य , सभी प्रकार के फल , मिठाइयाँ , मोम , घी , किरयाना इत्यादि |

जब कुण्डली में बृहस्पति द्वितीयेश व एकादश भावों का स्वामी होकर लग्न , लग्नेश पर प्रभाव डालता हुआ दशम भाव से संबंध बनाता हो तो व्यक्ति बैंक अधिकारी , चल सम्पत्ति का से जुडा़ काम करके पैसा कमा सकता है अथवा किराया , सूद ब्याज द्वारा जीविकोपार्जन कर सकता है ।

*शुक्र ग्रह से सम्बन्धित व्यापार है*
शुक्र को सुंदरता , ऐश्वर्य तथा कला के साथ जुड़े क्षेत्रों का अधिपति माना जाता है । शुक्र की प्रबल स्थिति जातक को शारीरिक रूप से सुंदर और आकर्षक बनाती है ।  शुक्र के प्रबल प्रभाव से महिलाएं अति आकर्षक होती हैं ।  शुक्र के जातक आम तौर पर फैशन जगत , सिनेमा जगत तथा ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में सफल होते हैं । शुक्र शारीरिक सुखों के भी कारक हैं  । प्रेम संबंधों में शुक्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । 

कलात्मक कार्य , संगीत (गायन , वादन , नृत्य), अभिनय , चलचित्र संबंधी डेकोरेशन , ड्रेस डिजायनिंग , मनोरंजन के साधन , फिल्म उद्योग , वीडियो पार्लर , मैरिज ब्यूरो , इंटीरियर डेकोरेशन , फैशन डिजाइनिंग , पेंटिंग , श्रृंगार के साधन , कोसमेटिक ,  इत्र ,  गिफ्ट हॉउस  , चित्रकला तथा स्त्रियों के काम में आने वाले पदार्थ , विवाह से संबंधित कार्य , महिलाओं से संबंधित कार्य ,  विलासितापूर्ण वस्तु  , गाड़ी , वाहन व्यापारी , ट्रांसपोर्ट  , सजावटी वस्तुएं ,  मिठाई संबंधी , रेस्टोरेंट , होटल , खाद्य पदार्थ  , श्वेत पदार्थ , दूध से बने पदार्थ  , दूध उत्पादन ( दुग्धशाला )  , दही , चावल , धान , गुड़ , खाद्य पदार्थ  , सोना , चांदी , हीरा , जौहरी ,  वस्त्र निर्माता , गारमेंट्स  , पशु चिकित्सा ,  हाथी घोड़ा पालना  ,  टूरिज्म  ,  चाय – कॉफी  , शुक्र + मंगल – रत्न व्यापारी , शुक्र + राहु  या  शनि – ब्यूटी पार्लर , शुक्र + चन्द्र – सोडावाटर फेक्ट्री , तेल , शर्बत , फल , तरल रंग ,

शुक्र आजीविका भाव में बली अवस्था में हो , दशमेश हो , या फिर दशमेश के साथ उच्च राशि का स्थित हो , तो व्यक्ति में कलाकार बनने के गुण होते है ।  वह नाटककार और संगीतज्ञ होता है । उसकी रुचि सिनेमा के क्षेत्र में काम करने की हो सकती है ।    भवन बनाने वाले इंजिनियर, दुग्धशाला, नौसेना, रेलवे, आबकारी, यातायात, बुनकर, आयकर, सम्पति कर आदि का कार्य करता है.

*शनि ग्रह से सम्बन्धित व्यापार है*
  शनि का भूमि क्षेत्र से विशेष संबंध है । शनि  पृथ्वी के भीतर पाये जाने वाले पदार्थ का कारक है ।

लोहा संबन्धित कार्य , मशीनरी के कार्य , केमिकल प्रोडक्ट , ज्वलनशील तेल ( पैट्रोल, डीजल आदि ) , कुकिंग गैस ,  प्राचीन वस्तुएं , पुरातत्व विभाग , अनुसंधान कार्य , ज्योतिष कार्य , लोहे से संबंधित कच्ची धातु , कोयला , चमड़े का काम , जूते ,  अधिक श्रम वाला कार्य ,  नौकरी , मजदूरी , ठेकेदारी , दस्तकारी , मरम्मत के कार्य , लकड़ी का कार्य , मोटा अनाज , प्लास्टिक एवम रबर उद्योग , काले पदार्थ , स्पेयर पार्ट्स , भवन निर्माण सामग्री ,  पत्थर एवम चिप्स , ईट , शीशा , टाइल्स  , राजमिस्त्री , बढ़ई , श्रम एवम समाज कल्याण विभाग , टायर उद्योग , पलम्बर , घड़ियों का काम  , कबाड़ी का काम , जल्लाद , तेल निकालना , पी डब्लू डी , सड़क निर्माण , सीमेंट  ।  शनि + गुरु + मंगल  –  इलेक्ट्रिक  इंजिनियर  ।   शनि + बुध + गुरु  – मेकेनिकल इंजीनियर । शनि + शुक्र – पत्थर की मूर्ति 


*राहु से सम्बन्धित व्यवसाय हैं*

राहु कुंडली में विशेषकर विच्छेद आत्मक कार्यों का कारक रहा है ऐसे में जातक ब्रोकर कमीशन एजेंट आदि से संबंधित कार्य कर सकता है

कम्प्युटर , बिजली , अनुसंधान , आकस्मिक लाभ वाले कार्य , मशीनों से संबंधित , तामसिक पदार्थ , जासूसी गुप्त कार्य ,  विषय संबंधी , कीट नाशक , एण्टी बायोटिक दवाईयां ,  पहलवानी  , जुआ , सट्टा , मुर्दाघर , सपेरा , पशु वधशाला , जहरीली दावा , चमड़ा व खाल ,


 *केतु से सम्बन्धित व्यापार है*
केतु को यदि कुंडली में एकल अवस्था में गिना जाए तो के तो धर्म का कारक होता है ऐसी स्थिति में जातक धर्म से संबंधित कार्य भक्ति चिकित्सा आदि कार्य करता है

 समाज सेवा से जुड़े कार्य , धर्म, आध्यात्मिक कार्य , रहस्यमयी विज्ञान ,  आदि।

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